तू कब मेरी होगी? नहीं जनता _ _ _

किसी को मुहब्बत कि सच्चाई मार डालेगी ,
किसी को मुहब्बत कि गहराई  मार डालेगी ,
करके मोहब्बत कोई नहीं बचेगा ,
जो बच गया उसे तन्हाई मार डालेगी ।।


दिल में छिपी यादों से सवारूँ तुझे,
तू दिखे तो अपनी आँखों में उतारू तुझे ,
तेरे नाम को अपने लबों पे ऐसे सजाऊँ ,
गर सो भी जाऊं तो ख्वाबों में पुकारूँ तुझे ।।

जान नहीं सिर्फ साथ चाहिए ,
सच्चे प्यार का एहसास चाहिए ,
जान  तो एक पल में दी जा सकती है ,
पर हमें आपका प्यार आखिरी साँस तक चाहिए ।।



कैसे जी रहा हूँ नहीं  जनता ,
क्यूँ अब तक ज़िंदा हूँ   नहीं जनता ,
मौत का क्या है आनी ही है एक दिन,
तू कब आयेगी नहीं जनता ।।




चाहता हूँ सिर्फ तुझे ज़माना जनता है ,
तू कब तक चाहेगी नहीं जनता ,
तेरा था , तेरा हूँ, तेरा ही रहूँगा ,
तू कब मेरी होगी ? नहीं जनता ।।

                         आशीष पाण्डेय 'देव'

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

तलाक़-ए-राधिकादेव

......इन तनहा-तनहा रातों में