मेरा यार आ गया…
ये दुआ है रब से मेरी , की कायनात का आशियाना बना रहे , खुदा दूर ना करे हमको , हमारी दोस्ती का फ़साना बना रहे। । ये दिल की आवाज है बन्दे , दिलदार समझते हैं , हीर-राँझा की तरह लोग मेरा भी प्यार समझते है। । पुरवा बयार फिर से , दिल को जगा गया, सावन-ए-फुहार फिर से , मन जग-मगा गया। । फिर से मेरी दोस्ती का, बहार छा गया ये पैग़ाम है ख़ुशी का 'देव' की तेरा यार आ गया।। - आशीष पाण्डेय 'देव '