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तू कब मेरी होगी? नहीं जनता _ _ _

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किसी को मुहब्बत कि सच्चाई मार डालेगी , किसी को मुहब्बत कि गहराई  मार डालेगी , करके मोहब्बत कोई नहीं बचेगा , जो बच गया उसे तन्हाई मार डालेगी  ।। दिल में छिपी यादों से सवारूँ तुझे, तू दिखे तो अपनी आँखों में उतारू तुझे , तेरे नाम को अपने लबों पे ऐसे सजाऊँ , गर सो भी जाऊं तो ख्वाबों में पुकारूँ तुझे  ।। जान नहीं सिर्फ साथ चाहिए , सच्चे प्यार का एहसास चाहिए , जान  तो एक पल में दी जा सकती है , पर हमें आपका प्यार आखिरी साँस तक चाहिए  ।। कैसे जी रहा हूँ नहीं  जनता , क्यूँ अब तक ज़िंदा हूँ    नहीं जनता , मौत का क्या है आनी ही है एक दिन, तू कब आयेगी  नहीं जनता  ।। चाहता हूँ सिर्फ तुझे ज़माना जनता है , तू कब तक चाहेगी  नहीं जनता , तेरा था , तेरा हूँ, तेरा ही रहूँगा , तू कब मेरी होगी ?  नहीं जनता ।।                          आशीष पाण्डेय 'देव'

आयुर्वेदिक दोहे (कृपया आप लोग इसे कॉपी करके कही रख ले ताकि आगे काम आये )

1.जहाँ कहीं भी आपको,काँटा कोइ लग जाय। दूधी पीस लगाइये, काँटा बाहर आय।। 2.मिश्री कत्था तनिक सा,चूसें मुँह में डाल। मुँह में छाले हों अगर,दूर होंय तत्काल।। 3.पौदीना औ इलायची, लीजै दो-दो ग्राम। खायें उसे उबाल कर, उल्टी से आराम।। 4.छिलका लेंय इलायची,दो या तीन गिराम। सिर दर्द मुँह सूजना, लगा होय आराम।। 5.अण्डी पत्ता वृंत पर, चुना तनिक मिलाय। बार-बार तिल पर घिसे,तिल बाहर आ जाय।। 6.गाजर का रस पीजिये, आवश्कतानुसार। सभी जगह उपलब्ध यह,दूर करे अतिसार।। 7.खट्टा दामिड़ रस, दही,गाजर शाक पकाय। दूर करेगा अर्श को,जो भी इसको खाय।। 8.रस अनार की कली का,नाक बूँद दो डाल। खून बहे जो नाक से, बंद होय तत्काल।। 9.भून मुनक्का शुद्ध घी,सैंधा नमक मिलाय। चक्कर आना बंद हों,जो भी इसको खाय।। 10.मूली की शाखों का रस,ले निकाल सौ ग्राम। तीन बार दिन में पियें, पथरी से आराम।। 11.दो चम्मच रस प्याज की,मिश्री सँग पी जाय। पथरी केवल बीस दिन,में गल बाहर जाय।। 12.आधा कप अंगूर रस, केसर जरा मिलाय। पथरी से आराम हो, रोगी प्रतिदिन खाय।। 13.सदा करेला रस पिये,सुबहा हो औ शाम। दो चम्मच की मात्रा, पथरी