Posts

Showing posts from August, 2012

मेरे सपनो की परी ......

मेरे दिल में क्या उठता ? कैसे मै तुमको बतलाऊ ? जो देखू तेरा साया भी , तेरे पास खीचा  जाऊं  !! जो कभी अकेले  बैठू  तो , बस तेरी याद सताती है ! अब तो मेरे सपनो में भी , तू चोरी-चोरी आती है !! मेरे दिल के आशियाने में , तू चोरी से सो जाती है जो हाँथ फेरने को  सोचू मेरी अंखिया खुल जाती है !! ये रोग लगा मुझको कैसा ? इक बार मुझे बतला देना , तुम मेरे सपनों में आकर , ना मुझको फिर से जगा देना !! फिर मै  तुझको अपने दिल में आँखों के रस्ते छुपा लूँगा , अपना सब सुख तुझको देकर , तेरे भी गम मै उठा लूँगा  !! जब आज रात मै  फीर सोऊ तुम सपने में मेरे होना , मै तेरे दिल का राजा  होऊ , तुम मेरे दिल की रानी होना  !! तब सूरज दूर गगन से हो , चांदनी तब शितालाता लाये बस प्रेम की सरिता बहती हो , हम दोनों उसमे बहते जाएँ   !! अब मेरे दिल का बस ख्वाब यही , तुझको पाना तुझमें रहना , बस कृपा करके मेरे ऊपर मेरे सपनो में आती रहना !! जो साकार ना हो ये सपना तो , ख्वाब देखने में क्या परेशानी है ? मै  तेरे दिल का राजा हूँ तू मेरे दिल की रानी है !!                                

कोई पागल समझाता है ...........

कोई पागल समझाता है, कोई आवारा कहता है  मेरे इस प्यार के आलम को , मेरा दिल समझता है ! ये दिल तो प्यार में पागल , कुछ भी कह नहीं सकता  हजारों दर्दे गम सह ले , जुदाई सह नहीं सकता  !! मेरा फूटा करम पर तुम कभी पीछे नहीं मुड़ना  अपनी मीठी सी यादो से मेरे सपनो से तुम जुड़ना     !!!!! ये प्यासा प्यार का है , ये समुन्दर पी नहीं सकता , तुम्हारी याद की तन्हाई में भी जी नहीं सकता कसमो और वादों से,  बसा संसार है तू ही , मेरे इस प्यार की नैया की इक पतवार है तू ही ये दिल पागल दीवाना है मचलता है मचलने दे , मेरे इस चाँद सी नगरी की इक हक़दार है तू ही  !!!!!                                          आशीष पाण्डेय "देव "

मुझे अपना बना लेना--------

मुझे अपना बना लेना , मुझे दिल में छुपा लेना मेरे प्यार के बादल  को , दिल में हइ छुपा लेना मेरा अब नाम सूना होगा , मेरी कब्रे सूनी होंगी मेरे इस प्यार की हर एक , नज्में सूनी होंगी मेरे हर एक लफ्जों को , ज़रा दिल से समझ लेना मेरे पास वक्त अब कम है, मुझे सीने से लगा लेना ये दिल प्यार का दरिया है , लेकिन भर नहीं सकता ये मेरे खून की गर्मी को,  शीतल कर नहीं सकता अपने हाथो  में मेहंदी  तुम लगा  लेना मगर सुन ले , जो तुझको दे दिया मैंने , अब कोई दे नहीं सकता मेरे इस दिल के बंधन को , कभी तुम तोड़ ना देना इस बहती प्रेम की सरिता,  के पथ को मोड़ न देना मुझे  मालूम है ये सब,  इतना आसां नहीं लेकिन मेरे अरमां भरे इस दिल की , डोरी तोड़ ना देना                                      आशीष पाण्डेय  "देव "