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Showing posts from November, 2012

आज के बदलते वक्त और उससे भी ज्यादा बदल रहे मानव की हकीकत

100 रुपये का नोट किसी को देना बहुत बड़ा लगता है लेकिन किसी होटल में यही नोट बहुत छोटी लगाती है।  वेलेंटाईन डे पर अपनी प्रेमिका को 500 रुपये का गिफ्ट दे देते है  जिसे वो बस चन्द दिनों से जानते है पर मदर्स डे पर माँ के लिए 5 रुपये का गुलाब नहीं दे सकते जो उन्हें पाल -पोशकर  इतना बड़ा बनाती है। 50 रुपये के सिगरेट  पीना आज के युवाओ  के लिए आम बात है पर 50 पैसे किसी गरीब की झोली  में डालना इनके लिए पहाड़ लगता है।  प्रेमिका के साथ 3 घंटे की फिल्म देखने में इन्हें उबन नहीं आती पर माँ के 3 मिनट पैर दबाने में ये उब जाते है। ये शायद इन बातों से परे है की जो ये आज कर रहे है बिलकुल वही निकट भविष्य में इनके साथ भी घटित होने वाला है  अपनी प्रेमिका से पूरी रात बात करने में इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता पर माँ के साथ मंदिर जाने में इनका समय बर्बाद होता है।  मोबाईल में 100 रुपये का रीचार्ज करवा के प्रेमिका  से बात करने में इनका पैसा बर्बाद नहीं  होता पर भगवान  के मंदिर में 1 रुपये चढ़ाने से इनका पैसा बर्बाद होता है।  एक गिरे हुए गरीब या बूढ़े को उठाने में इनको शर्म आती है पर एक लड़की को अगर ये छ

हर रोज तेरी याद आती है ....

मै  25 अक्टूबर  को इलाहाबाद से घर जाने के लिए ट्रेन का इन्तजार कर रहा था ! इन्तजार की वो घड़ी ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे ठंडी के महीने में लोग धुप का इन्तजार कर रहे हो और सूरज बदल में से बहार आने का मन ही न बना रहा हो ! मै हर 3-4 मिनट पर अपनी घडी को देख - देख कर बस यही सोच रहा था की बस अब ट्रेन आने ही वाली है पर वो समय इतना जल्दी कहाँ  आने वाला था ? कुछ आधे घंटे बीते थे की मेरे बगल में ही एक चाचा जी अपनी भतीजी जिसका नाम 'कोमल' था आकर बैठ गया तब मुझे लगा की चलो कोई तो आया जो मेरे साथ बैठ कर मेरे इन्तजार के साथी बने, परन्तु कुछ देर बाद यह पता चला की वो चाचा जी अपने दोनों कानो से सुनने में असमर्थ थे !कोमल अपने चाचा जी के साथ अपने घर वाराणसी जा रही थी ! मई कोमल से बातें ही कर रहा था की ट्रेन वह आ गयी और हम एक सीट लेकर आराम से बैठ गए ! हमारे बातो का सिलसिला चलता रहा ! बातो ही बातो में मैंने उसके चाचा जी के बारे में पूछा तो उसने उनके कान के परदे फट जाने के वजह से ना सुन पाने का कारन बताया और उसने यह भी बताये की यदि कोई उनसे लिख-लिखकर बातें करे तो आराम से बातें कर सकते है और उन्हें कई

मै अपने प्यार की कहानी देख ली

मौजो में बहती याद की ऐसी कहानी देख ली , दिल के सुहाने बाग़ में बहती जवानी देख ली, देखे कितने बहकते जुल्फों के अफ़साने , पर आज उसकी आँखों में मै  अपने प्यार की कहानी देख ली !! मुहब्बत न करो की ये तुम्हे आवारा बना दे , गर्दिश में अकेला चमकाने वाला सितारा बना दे , मुहब्बत अपनी हद में ही रहे तो अच्छा है , कहीं ऐसा न हो की तुम्हे 'हीर' और उसे 'राँझा' बना दे !! आशिकी तो दर्द है , हँस-हँस के पिए जाने का, मौजो में भी गम को छुप-छुप के सीएव जाने का ,  हमने सोचा की आज इसको जड़ से ही मिटा  डालेंगे , रखकर अपने जनाजे पर इसको  भी जला डालेंगे !! प्यार में लोग कहते थे, कि  दिन में भी तारे नजर आते है , शाम को उसकी गलियों के इशारे नजर आते है , सपनो में तो उससे भी खुबसूरत नज़ारे आते है , जैसे बहते हुए समुन्दर में ज्वारें  नजर आते है !! छोड़ के मै जाऊ उसे , खुदा ऐसी बद् दुआ  ना दे ! गर छोड़ दे वो मुझको तो भी , खुदा उसे भुलाने की दुआ ना दे !! बिन जीना मेरा उसके लिए उजाले के सितारे जैसा है ! वो आँखों की पुतली जैसी है, और ये समुन्दर के किनारे जैसा है !!